धीरे-धीरे हमें फर्क़ पड़ना बंद हो रहा है (preetsinghsr)


धीरे-धीरे हमें फर्क़ पड़ना बंद हो रहा है 
अगर बात नहीं करनी है तुम्हे 
तो अब हमारा भी मन नहीं कर रहा है

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