mai kaise bhul jau
मैं कैसे अब भूल पाऊं मैं बहुत बोलता था
इंतजार हार गया... क्योंकि किसी की ज़िद, किसी के दर्द से बड़ी हो गयी # preetsinghsr
या खुब कहा है किसी शायर ने । सांसों के साथ अकेला चल रहा था, सांसे रुकी तो सब साथ चलने लगे
sometimes I says 'bye' just to hear 'don't go ' but i receive ' ok bye'
तेरे नज़रअंदाज़ से, नहीं रही शिकायत अब तू बाकियों को ख़ुश रख हम तन्हा ही अच्छे हैं...!! - preetsin…
तुम्हारा व्यवहार ही तुम्हारी पहचान है, वरना तुम्हार नाम के तो हजारों इंसान है.
Thank you for rejecting me thank you for bailing on me thank you for not caring thank yo…