मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ (preetsinghsr)

मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि...

मुझे हर उस बात पर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए 

जो मुझे चिंतित करती है।


मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि...

जिन्होंने मुझे चोट दी है 

मुझे उन्हें चोट नहीं देनी है।




मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि...

शायद सबसे बड़ी समझदारी का लक्षण 

भिड़ जाने के बजाय अलग हट जाने में है।


 मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि...

अपने साथ हुए प्रत्येक बुरे बर्ताव पर 

प्रतिक्रिया करने में आपकी जो ऊर्जा खर्च होती है 

वह आपको खाली कर देती है 

और आपको दूसरी अच्छी चीजों को देखने से रोक देता है


 मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि...

मैं हर आदमी से वैसा व्यवहार नहीं पा सकूंगा 

जिसकी मैं अपेक्षा करता हूँ।


 मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि...

किसी का दिल जीतने के लिए बहुत कठोर 

प्रयास करना समय और ऊर्जा की बर्बादी है 

और यह आपको कुछ नहीं देता, 

केवल खालीपन से भर देता है।


 मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि...

जवाब नहीं देने का अर्थ यह कदापि नहीं 

कि यह सब मुझे स्वीकार्य है, 

बल्कि यह कि मैं इससे ऊपर उठ 

जाना बेहतर समझता हूँ।


 मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि...

कभी-कभी कुछ नहीं कहना सब कुछ बोल देता है।


 मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि...

किसी परेशान करने वाली बात पर प्रतिक्रिया 

देकर आप अपनी भावनाओं पर 

नियंत्रण की शक्ति किसी दूसरे को दे बैठते हैं।


 मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि...

मैं कोई प्रतिक्रिया दे दूँ तो भी 

कुछ बदलने वाला नहीं है। 

इससे लोग अचानक मुझे प्यार और 

सम्मान नहीं देने लगेंगे। यह उनकी सोच में कोई जादुई बदलाव नहीं ला पायेगा।


 मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि...

जिंदगी तब बेहतर हो जाती है 

जब आप इसे अपने आसपास की 

घटनाओं पर केंद्रित करने के बजाय 

उस पर केंद्रित कर देते हैं 

जो आपके अंतर्मन में घटित हो रहा है:::::::::

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