"बस नाम के ही रह जाते हैं वो रिश्ते, (preetsinghsr)



"बस नाम के ही रह जाते हैं वो रिश्ते,


जिन्हें वक़्त रहते अपने हक़ का

जायज़ वक़्त नहीं मिलता"



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