एक उलझा हुआ किरदार हूं मैं ।
शायद खुद का गुनाहगार हूं मैं।
बस चले जा रहा हूं इस सफर में,
न जाने किसकी तलाश मे हूं मैं।
ये तो नही पता कहां पहुचुंगा ,
बस अब कहीं ठहर जाऊ इसी आस मे हूं मैं।।।
एक उलझा हुआ किरदार हूं मैं ।
शायद खुद का गुनाहगार हूं मैं।
बस चले जा रहा हूं इस सफर में,
न जाने किसकी तलाश मे हूं मैं।
ये तो नही पता कहां पहुचुंगा ,
बस अब कहीं ठहर जाऊ इसी आस मे हूं मैं।।।
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