कविताओं में उतार लूं,


"है अभिलाषा इतनी कि 
पिरो कर तुमको शब्दों 
की माला में 
मैं तुम्हें अपनी 
कविताओं में उतार लूं,

हृदय में बसा कर 
कंठस्थ कर लूं तुम्हें 
और अपना 
जीवन सँवार लूं"

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